भैंस की कठिन डिलीवरी में माँ और बच्चे की जान बचाई – सच्ची घटना
मैंने तुरंत स्थिति का आकलन किया और आवश्यक तैयारी शुरू की। बहुत सावधानी और अनुभव से मैंने भैंस की डिलीवरी कराई। प्रसव के दौरान कई बार लगा कि शायद अब देर हो चुकी है, लेकिन धैर्य और सही तकनीक से अंततः बच्चा सुरक्षित बाहर आ गया।
नवजात बछड़ा ज़मीन पर पड़ा था और हल्की-हल्की साँसें ले रहा था। तुरंत उसे साफ किया, उसका मुँह और नाक साफ कर सांस लेने में मदद की। माँ भैंस की भी देखभाल की और आवश्यक दवाइयाँ दीं। कुछ देर बाद दोनों की साँसें सामान्य हुईं और माँ ने अपने बच्चे को प्यार से चाटा।
इस घटना ने मुझे यह सिखाया कि सही समय पर सही इलाज और देखभाल से हम जानवरों की जान बचा सकते हैं। हर पशुपालक को चाहिए कि कठिन प्रसव के समय घबराएँ नहीं, बल्कि तुरंत अनुभवी व्यक्ति या पशु चिकित्सक को बुलाएँ।
आज माँ और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और यह घटना मेरे दिल में हमेशा ज़िंदा रहेगी।
0 टिप्पणियाँ
Please comment politely. Spam will be deleted