मुर्गियों से दाना देते समय बातें करने से अंडा उत्पादन क्यो बढ़ता है? - Why does talking to chickens while feeding them increase egg production? “गाँव की पशु चिकित्सा”

क्या मुर्गियों से दाना देते समय उनसे बातें करने से अंडे बढ़ते हैं?


मुर्गियों को दाना देते समय किसान


पोल्ट्री पालकों और बैकयार्ड किसानों में यह एक आम सवाल है — क्या मुर्गियों से बात करना अंडा उत्पादन बढ़ाता है? जवाब है: यह एक सहायक कारक हो सकता है, लेकिन मुख्य रूप से उत्पादन अच्छे प्रबंधन, पोषण और आवास पर निर्भर करता है।

क्यों असर दिख सकता है

मुर्गियाँ भी तनावग्रस्त हो सकती हैं। अचानक तेज आवाज़, अँधेरी जगह, शिकारी पक्षी या असुरक्षित माहौल उनकी अंडा देने की क्षमता घटा देते हैं। दाना देते समय धीरे-धीरे बात करने से मुर्गियों का तनाव घटता है, वे जल्दी खाने आती हैं और पोषण बेहतर तरीके से लेती हैं — बेहतर भोजन = बेहतर उत्पादन।

रूटीन और सामाजिक संकेत

मुर्गियाँ रूटीन वाली प्रजाति हैं। रोज़ एक ही समय पर दाना देने और हल्की आवाज़ से बात करने से वे 'खाने का समय' पहचानती हैं। यह नियमित भोजन और ऊर्जा के उपयोग को संतुलित रखता है, जिससे अंडे देने की नियमितता बढ़ सकती है।

आवाज़ का प्रकार मायने रखता है

सिर्फ आवाज़ होना जरूरी नहीं — टोन, लय और तीव्रता भी मायने रखती है। तेज़ और चिल्लाने वाली आवाज़ें उल्टा प्रभाव देती हैं, जबकि शांत, कोमल आवाज़ें आरामदेह माहौल बनाती हैं। कुछ रिपोर्ट्स में नरम संगीत का भी सकारात्मक असर देखा गया है, लेकिन यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

वैज्ञानिक प्रमाण और वास्तविक परिदृश्य

किसी भी प्रभाव को अकेले "बातचीत" पर ठहराना मुश्किल है। अधिकतर प्रमाण बताते हैं कि शांत वातावरण, पोषण, स्वच्छ पानी और रोग-नियंत्रण जैसे कारक मिलकर ही उत्पादन बढ़ाते हैं। बातचीत इनमें से एक छोटा सहायक तत्व बन सकती है — खासकर तब जब वह रूटीन और सुरक्षा की भावना दे।

प्रैक्टिकल टिप्स


मुर्गियों को दाना देते समय किसान


  • हर दिन एक निश्चित समय पर दाना दें — रूटीन बनाएं।
  • दाना देते समय धीरे और सौम्य स्वर में बोलें; अचानक आवाज़ से बचें।
  • स्वच्छ पानी, पर्याप्त प्रोटीन और कैल्शियम सुनिश्चित करें।
  • जहाँ संभव हो, पोल्ट्री हाउस में अनावश्यक शोर कम करें।
  • यदि संगीत बजाना है तो धीमा और सॉफ्ट रखें — तेज़ बीट से बचें।

मिथक बनाम हकीकत

कई लोग मानते हैं कि बस बातचीत से अंडे दोगुने हो जाएंगे — यह एक मिथक है। पर बातचीत से बनने वाला शांत वातावरण और बेहतर फ़ीडिंग रूटीन उत्पादन को बेहतर कर सकता है।

निष्कर्ष

धीरे-धीरे बात करना एक आसान और बिना खर्च वाला तरीका है जो तनाव घटाने और रूटीन बनाने में मदद कर सकता है। साथ ही, सबसे ज़रूरी चीज़ें — पोषण, पानी और स्वच्छ आवास — पर ध्यान दें।

Tip: अगली बार दाना देते समय 1–2 मिनट शांत आवाज़ में बात करके देखें — अगर मुर्गियाँ जल्दी खाने आती हैं और शांत रहती हैं तो यह आपके फार्म के लिए अच्छा संकेत है।

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